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“भीम आर्मी” का प्रदर्शन: मीडिया का मुंडन

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  सुरेश जोगेश (Suresh Jogesh) सुबह से भीड़ जमा होनी शुरू हो गयी थी जंतर-मंतर पर. देखते ही देखते आसमान का रंग जमीन ओढ़ने लगी थी. वही आलम सोशल मीडिया का भी था. हर ओर नीला ही नीला. मुख्यधारा मीडिया का काम इस बार सोशल मीडिया बखूबी निभा रहा था. जो तस्वीरें आती रही उनमें …

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दलितों बहुजनों का बौद्ध धर्म स्वीकार और हिन्दू शुभचिंतकों की षड्यंत्रकारी सलाह

hindu varna society

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) सभी दलितों ओबीसी और आदिवासियों द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने सलाह पर कई शुभचन्तकों की टिप्पणियाँ आतीं हैं जो बहुत कुछ सोचने को विवश करती हैं. ये मित्र बहुत सारे मुद्दों पर विचार करके कुछ लिखते हैं और उनका एकमात्र आग्रह यही होता है कि दलितों को हिन्दू धर्म नहीं छोड़ना …

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भारतीय सिनेमा का सुपरस्टार – जातिवाद और सामंतवाद का सहज उत्पाद

royal family

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) विश्व सिनेमा में धाक जमाने वाले फ्रेंच निर्देशक गोडार्ड ने जोर देकर कहा था कि हमें सिनेमा में सबकुछ शामिल कर देना चाहिए. यह कहते हुए उनका आग्रह था कि समाज में और जिन्दगी में जो भी जैसा भी है उसे वैसे ही रखना चाहिए. तत्कालीन फ्रेंच और हालीवूड सिनेमा …

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Guru’s ‘Ethics in Ambedkar’s Critique of Gandhi’: An exercise in rhetoric

mangesh dahiwale

  Mangesh Dahiwale Gopal Guru is an erudite scholar and a political scientist of high reputation. His command over political theories is a sign of his scholarship. However the above-mentioned essay lacks erudition and academic neutrality. His language is full of clichés and oftentimes meanders to become illegible and confusing. The essay in question is …