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डॉ. अंबेडकर का बहुमूल्य मशवरा – सिखों के सवैशासन के अधिकार पर

s ajmer singh

  सरदार अजमेर सिंह यह लेख सरदार अजमेर सिंह की किताब ‘बीसवीं सदी की सिख राजनीती – एक गुलामी से दूसरी गुलामी तक’  से लिया गया है । पंजाब के विभाजन के बाद पूरबी पंजाब में अलग अलग वर्गों की जनसँख्या के अनुपात में खासी तब्दीली आ गई थी। पश्चिमी पंजाब और उत्तर पश्चिमी सरहदी इलाके की हिन्दू और …

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शुक्रिया बाबा साहेब

gurinders tribute

  Gurinder Azad गुरिंदर आज़ाद शुक्रिया बाबा साहेब !आपके चलतेहमें किसी से कहना नहीं पड़ताकि हम भी इंसान हैं ! उनके अहं को जो भी हो गवारालेकिन अब तस्दीक हो चुका हैकि बराबरी थाली में परोस कर नहीं मिलतीआबरू की धारा किसी वेद से नहीं निकलतीबड़ा बेतुका हैकल्पना करके सोनासुबह अलग सा कोई नज़ारा होगाया …

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ओम प्रकाश वाल्मीकि: हिंदी साहित्य के स्तम्भ नहीं रहे

om prakash valmiki

  अनिता भारती   दलित साहि्त्य के सशक्त हस्ताक्षर व वरिष्ठ लेखक ओमप्रकाश बाल्मीकि जी का आज सुबह परिनिर्वाण हो गया। वे पिछले एक साल से ‘बड़ी आंत की गंभीर बीमारी’ से जूझ रहे थे। उनका हिन्दी साहित्य और दलित साहित्य में उनके अवदान और उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता …