Sanjay Jothe अक्सर ही ग्रामीण विकास के मुद्दों पर काम करते हुए गाँवों में लोगों से बात करता हूँ या ग्रामीणों के साथ कोई प्रोजेक्ट की प्लानिंग करता हूँ तो दो बातें हमेशा चौंकाती हैं। पहली बात ये कि ग्रामीण सवर्ण लोग मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, तालाब, स्कूल आदि बनवाने की बजाय मंदिर, …
फिल्म पार्च्ड और स्त्रीवाद: क्या सब औरतों की कहानी एक है?
आशा सिंह कई दिनों से देख रही हूँ कि हमारे दलित-बहुजन साथी लीना यादव की फिल्म Parched की तारीफ कर रहे हैं। मेरे इस आलेख का आधार इस फिल्म की विषयवस्तु और इसके निर्देशक का साक्षात्कार है (देखें National Dastak, You Tube)।i फिल्म लज्जो, बिजली, रानी नामक तीन तथाकथित ‘ग्रामीण’ महिला किरदारों की कहानी है। लज्जो ‘बाँझ’ है, …