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हम बाबासाहब को तो मानते है पर बाबासाहब की नहीं मानते

babasaheb-ambedkar speaking

  डाॅ मनीषा बांगरडॉ. जे डी चन्द्रपाल  जब तक साँस चलती रहती है तब तक जीवन चलता रहता है; मगर जब साँस रूक जाती है तो जीवन समाप्त हो जाता है | मगर क्या किसी महान व्यक्ति का जीवन उनकी साँस रूकने पर थम जाता है ?  ऐसा कहा जाता है की किसी व्यकित की …

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जे.एन.यू. में ब्राह्मणवाद की खेती: जितेन्द्र सुना

jitendra suna

  जितेन्द्र सुना मुथुकृष्ण्न की संस्थानिक हत्या के विरोध में 16 मार्च, 2017, को बपसा द्वारा आयोजित प्रदर्शन मे भाषण; अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद: अंजली मेरा नाम जितेन्द्र सुना है और मैं उड़ीसा के कालाहांडी जिले के एक सुदूर गाँव पोउर्केला से हूँ| मैंने अपनी हाई स्कूल की पढाई बी. आर. अम्बेडकर उच्च विद्यापीठ पोउर्केला से की, …