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दलित का बेटा हूँ साहेब, शब्दों की रांपी ज़रा तेज है

anita b

  गुरिंदर आज़ाद के काव्य संग्रह ‘कंडीशन्स अप्लाई’ की समीक्षा Anita Bharti (अनिता भारती) युवा क्रांतिकारी कवि गुरिंदर आज़ाद दलित मुद्दों पर जितनी पावरफुल फिल्म बनाते है उतनी ही पावरफुल उनकी कविताएं है। क्योंकि कवि एक जागरुक सामाजिक कार्यकर्ता भी है इसलिए सामाजिक बदलाव व चेतना के जितने आयाम है वह उनसे रोज़-ब-रोज़ रुबरु होता …