(गुरिंदर आज़ाद) Gurinder Azad 1987 में खालिस्तान की मांग उठी। एक अलग स्टेट, सिख स्वायत्तता के साथ। पंजाब में उस वक़्त की सामाजिक राजनितिक हलचलें आप ज़्यादातर लोग जानते हैं तो थोड़ा संक्षेप में बात रखता हूँ। 1978 की ‘खूनी’ बैसाखी जिसमे स्टेट स्पॉन्सर्ड ‘हिंदूवादी’ निरंकारियों के हाथों 13 सिख मारे गए और 1984 …
जट्टवाद एक दीर्घ रोग
सरदार अजमेर सिंह (Sardar Ajmer Singh) (यह लेख सरदार अजमेर सिंह की बहुचर्चित किताब ‘बीसवीं सदी की सिख राजनीति: एक ग़ुलामी से दूसरी ग़ुलामी तक’ जो कि पंजाबी भाषा में है, से हिंदी में अनुदित किया गया है। सरदार अजमेर सिंह पंजाब के एक जाने माने इतिहासकार हैं। ब्राह्मणवाद की गहन समझ रखने वाले अजमेर …