संजय जोठे (Sanjay Jothe) सामाजिक राजनीतिक आन्दोलनों में एक लंबे समय से “आत्मपीड़क सत्याग्रह” प्रचलन में बने हुए हैं. ऐसे भूख हड़ताल, उपोषण, आमरण अनशन जैसे तरीकों से समाज के एक बड़े वर्ग को झकझोरने में सफलता भी मिलती आई है. ये तकनीकें और “टूल” सफल भी रहे हैं और उनकी सफलताओं से जन्मी …
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