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बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध के दुश्मनों को पहचानिए

buddha seated

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बुद्ध के सबसे पुराने और सबसे शातिर दुश्मनों को आप आसानी से पहचान सकते हैं. यह दिन बहुत ख़ास है इस दिन आँखें खोलकर चारों तरफ देखिये. बुद्ध की मूल शिक्षाओं को नष्ट करके उसमे आत्मा परमात्मा और पुनर्जन्म की बकवास भरने वाले बाबाओं को …

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भविष्य की दलित-बहुजन राजनीति: जाति से वर्ण और वर्ण से धर्म की राजनीति की ओर

why do you worry about caste

  Sanjay Jothe उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम जितने बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हैं उससे कहीं अधिक दलित बहुजन राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं. दलित बहुजन राजनीति के एक लंबे और संघर्षपूर्ण सफ़र का यह परिणाम दुखद है. लेकिन यह होना ही था. इस पराजय की प्रष्ठभूमि लंबे समय से निर्मित हो रही थी. ज्ञान, …

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सत्य, सत्याग्रह, शूद्र, दलित और भारतीय नैतिकता

fast unto refast

  संजय जोठे (Sanjay Jothe) सामाजिक राजनीतिक आन्दोलनों में एक लंबे समय से “आत्मपीड़क सत्याग्रह” प्रचलन में बने हुए हैं. ऐसे भूख हड़ताल, उपोषण, आमरण अनशन जैसे तरीकों से समाज के एक बड़े वर्ग को झकझोरने में सफलता भी मिलती आई है. ये तकनीकें और “टूल” सफल भी रहे हैं और उनकी सफलताओं से जन्मी …

Thought

Beyond the Fairy Tales of India

Braj R Mani

  Braj Ranjan Mani There is little awareness about a more or less institutionalised arrangement of normalising, if not glorifying, the oppressive past from which the privileged continue to derive profit and pleasure. Invented histories, myth-making, and armoury of stereotypes merge to create convenient narratives and myths which masquerade as the history of India. The …

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The Question of Identity

rajinder barpagga

  Rajinder Barpagga It is an absolute pleasure to dedicate this article to the memory of honourable Dr. Bhim Rao Ambedkar (14 April 1891- 6 December 1956), revivalist of Buddhism in India, the first law minister of independent India and the chief architect of Indian constitution drafting committee. He had made the biggest contribution in …